क्या है यह योजना?
केंद्र सरकार ने प्राइम मिनिस्टर धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) को बुधवार, 16 जुलाई 2025 से शुरू होने वाली 6 साल की अवधि के लिए मंज़ूरी दी है। इस योजना का वार्षिक बजट ₹24,000 करोड़ रहेगा।
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यह पहल 100 ज़िलों में लागू की जाएगी, खासकर उन ज़िलों में जहां कृषि उत्पादकता कम, फसल की तीव्रता मध्यम और क्रेडिट पहुँच बहुत सीमित है ।
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अनुमानित लाभार्थी: लगभग 1.7 करोड़ किसान।
योजना के उद्देश्य (मुख्य बिंदु)
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उत्पादकता बढ़ाना – फसल उपज को बेहतर बनाना।
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फसल विविधीकरण और सतत कृषि – मिट्टी, पानी व पर्यावरण को बचाते हुए खेती करना।
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भंडारण सुविधाएँ – पंचायत और ब्लॉक स्तर पर पोस्ट-हार्वेस्ट स्टोरेज बढ़ाना।
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सिंचाई सुविधाओं में सुधार – बेहतर जल प्रबंधन।
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क्रेडिट तक पहुँच – किसानों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋण उपलब्ध कराना।
योजना के लाभ
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कम उपज वाले 100 जिला: इन्हें शीर्ष प्राथमिकता मिलेगी जहाँ सबसे ज्यादा सुधार की गुंजाइश है ।
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महत्वपूर्ण किसान समुदाय: लगभग 1.7 करोड़ किसानों को लक्षित किया गया है ।
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संरचित हस्तक्षेप:
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बेहतर बीज और कृषि तकनीक।
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सिंचाई सुविधाओं में निवेश।
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भंडारण और बाजार तक पहुंच सृजन।
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ऋण और प्रशिक्षण तक आसान पहुँच
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ग्रामीण समावेशी वृद्धि: पलायन पर काबू, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती ।
योजना का ढांचा
यह योजना “अस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स प्रोग्राम” की तर्ज पर तैयार की गई है: केंद्र–राज्य सहयोग, संसाधन एकत्रीकरण और ज़िलों में प्रतिस्पर्धात्मक प्रगति ।
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जिलों का चयन: तीन मानदंड– उत्पादकता, फसल तीव्रता, और ऋण सुविधाओं के आधार पर।
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राज्य-सहयोग: केंद्र की योजनाओं का राज्य स्तर पर कार्यान्वयन।
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निगरानी और मूल्यांकन: नियमित अंतराल पर प्रगति रिपोर्ट और जिला विश्लेषण।
अगला कदम
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आधिकारिक बजट जारी: ₹24,000 करोड़ की केंद्रीय आवंटन प्रक्रिया।
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राज्यों के साथ साझेदारी: योजनाओं का नियोजन और क्रियान्वयन।
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डाटा आधारित चयन: लक्षित 100 ज़िलों की सूची – कृषि, वित्त और क्रेडिट डेटा पर आधारित।
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भूमि पर शुरू: स्टोरेज, सिंचाई, टेक्नोलॉजी हस्तांतरण और क्रेडिट वितरण।
सारांश
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नई पहल: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, 6 साल, ₹24,000 करोड़ प्रति वर्ष।
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लाभार्थी: 100 ज़िलों में 1.7 करोड़ किसान।
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मूल उद्देश्य: उत्पादन में वृद्धि, कृषि की सततता, ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्तिकरण।
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मोडस ऑपरेण्डी: केंद्र राज्य मिलने-जुलने की रणनीति से जिला केंद्रित कार्यान्वयन।
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मायने: यह योजना किसानों की आमदनी बढ़ाने, कृषि सुधार और किसान कल्याण में एक ठोस कदम माना जा रहा है।